Vision and Mission

Mission

हमार लक्ष्य अध्ययनरत विद्यार्थियों के व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास करना है जिससे वे भविष्य में एक श्रेष्ठ नागरिक बन सकें|
विद्यार्थियों को ऐसी शिक्षा प्रदान करना जिससे वे स्वयं के साथ परिवार ,समाज व राष्ट्र के लिए उपयोगी साबित हो सकें|
संस्था में अध्ययनरत विद्यार्थियों में पढाई के साथ मानवीय मूल्यों का विकास करना|
विद्यार्थियों को ऐसी शिक्षा प्रदान करना जो उन्हें आत्म निर्भर बनने में मददगार हो|
महाविद्यालय में ऐसी अनुकूल परिस्थिति निर्मित करना जिससे की विद्यार्थी मन लगाकर एकाग्रचित्त होकर अध्ययन ,मनन व चिंतन कर सकें|
विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु अध्ययन के साथ-साथ उन्हें सांस्कृतिक गतिविधियों, खेल–कूद, भाषण, लेखन आदि गतिविधियों में भाग लेने का पूर्ण अवसर प्रदान करना|

Vision
शासकीय माँ महामाया महाविद्यालय खडगवां, जिला-कोरिया , छत्तीसगढ़ का ध्येय वाक्य –“सा विद्या या विमुक्तयै” है जो कि विष्णु पुराण से लिया गया है | जिसका अर्थ है कि विद्या वही है जो मुक्ति का मार्ग दिखाए |

महाविद्यालय का प्रयोजन विद्यार्थियों को गुणवत्तायुक्त व मूल्य आधारित शिक्षा प्रदान कर उनमें आदर्श नागरिक के गुणों का विकास करना है | विद्यार्थियों का चहुमुखी विकास ही सुन्दर भविष्य का निर्माण कर सकता है अत: संस्था में शैक्षिक वातावरण के निर्माण के साथ-साथ खेल -कूद व साहित्यिक-सांस्कृतिक वातावरण के निर्माण पर विशेष बल दिया जाता है | इस प्रक्रिया को विस्तार देते हुए संस्था युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं व उपलब्ध रोजगार के अवसरों हेतु उचित मार्गदर्शन प्रदान करती है |

Objectives

ग्रामीण-आदिवासी क्षेत्र के युवाओं में उच्च शिक्षा का प्रचार-प्रसार करना |
ग्रामीण-आदिवासी विद्यार्थियों के शैक्षणिक स्तर को ऊँचा उठाने हेतु सतत प्रयास करना |
षेत्र के विद्यार्थियों के कौशल को विकसित कर उन्हें रोजगारोन्मुखी शिक्षा प्रदान करना |
विद्यार्थियों में अनुशासन के साथ –साथ उच्च नैतिक गुणों का विकास करना |
आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों की सहायता करते हुए उन्हें आत्मनिर्भरता की ओर उन्मुख करना |
विद्यार्थियों में स्व विवेक , तार्किकता व वैज्ञानिक सोच का विकास करना |
महाविद्यालय में ऐसे वातावरण का निर्माण करना जो विद्यार्थियों में रचनात्मकता व अनुसन्धान वृत्ति को बढ़ावा दे |
ग्रामीण अंचल के विद्यार्थियों तक वैश्विक ज्ञान-विज्ञान की पहुँच को सुनिश्चित करना |
विद्यार्थियों को संविधान में वर्णित मूल कर्तव्यों का बोध करवाकर उनमें देश के लिए प्रेम , सम्मान और समर्पण की भावना का विकास करना |
विद्यार्थियों में स्वतंत्रता ,समानता ,बंधुत्व की भावना का विकास कर उन्हें प्रकृति व मानवाधिकारों के प्रति सजग बनाना |